Tuesday, November 10, 2015

General Awareness About HIV AIDS in Hindi

एचआईवी/एड्स की समस्‍या कमजोर इम्‍यूनिटी का परिणाम है और यह बीमारी शरीर को अतिसंवेदनशील बना देती है। समय के साथ, वायरस शरीर की सीडी 4 कोशिकाओं पर हमला करता है, यह वायरस स्‍वस्‍थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन मरीज नियमित रूप से कई प्रकार के सक्रिय कदम उठाकर विकासशील आम खतरनाक बीमारियों की संभावना को कम कर सकते हैं।


एचआईवी / एड्स से संबंधित अवसरवादी बीमारियों क्या हैं?

अवसरवादी बीमारियां (OIS) कमजोर इम्‍यूनिटी के कारण होती है। हालांकि इन बीमारियां का एक मजबूत इम्‍यूनिटी वाले प्रणाली पर कोई महत्‍वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन एचआईवी / एड्स के मरीजों के लिए विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। आमतौर पर OIS एचआईवी / एड्स रोगियों में मौजूद सीडी-4 कॉउट का 200 से नीचे जाने की स्थिति को एड्स के रूप में परिभाषित किया जाता है। सामान्‍य तौर पर, एचआईवी रोगी सीडी-4 कॉउट 500 से ऊपर होने पर अवसरवादी बीमारियां नहीं होती है।

एचआईवी संक्रमण से संबंधित जटिलताएं

एचआईवी / एड्स से ग्रस्‍त लोगों में विभिन्‍न प्रकार के वायरस और रोगाणुओं जैसे बैक्टीरिया, कवक, और परजीवी की विस्‍तृत श्रृंखला से संक्रमित होना का जोखिम बहुत ज्‍यादा होता है। सीडीसी के अनुसार, एचआईवी / एड्स से ग्रस्‍त लोगों में सबसे आम अवसरवादी संक्रमण इस प्रकार है।


एचआईवी/एड्स संबंधित जटिलताएं

  • कैंडिडिआसिस, जीनस कैंडिडा में होने वाली यीस्‍ट संक्रमण है, और गंभीर मामलों में ये घेघा, श्वासनली, ब्रांकाई, और फेफड़ों के ऊतकों को प्रभावित कर सकता है।
  • कोक्‍कीडियोडोमाईकासिस कोक्‍कीडियोडस द्वारा होने वाला संक्रमण है, जो कभी-कभी निमोनिया का कारण भी बन सकता है।
  • क्रीप्टोकॉकसिस फंगस क्रीप्टोकॉकस नोफॉर्मन्स से होने वाला संक्रमण है, यह त्‍वचा ह‍ड्डियों और यूरीन मार्ग में फैलने से पहले फेफड़ों (निमोनिया का कारण बन) और ब्रेन
  • (सूजन का कारण), को प्रभावित करता है।
  • क्रिप्टोस्पोरिडियोसिस, प्रोटोजोआ परजीवी क्रिप्टोस्पोरिडियम के कारण होने वाला रोग है। यह संक्रमण और डायरिया रोग का कारण बनता है।  
  • हरपीज सिंप्लेक्स वायरस संक्रमण है, जो ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, और ग्रासनलीशोथ की समस्‍या का कारण बनता है।
  • हिस्टोप्लास्मोसिस, फंगस हिस्‍टोप्‍लाज्‍मा कॅप्सुलटूम से होने वाला लंग इंफेक्‍शन है, जो फ्लू और निमोनिया के लक्षणों की तरह प्रगतिशील हिस्टोप्लास्मोसिस का कारण बनता है, यह बीमारी अन्‍य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है।
  • सेप्टीसीमिया (रक्त संक्रमण) बैक्टीरिया साल्मोनेला से होता है।

मस्तिष्क संबंधी जटिलताएं

वायरस से संबंधित सूजन सीएनएस के रूप में, एचआईवी / एड्स जैसे हाथ पैरों में भ्रम की स्थिति, विस्मृति, व्यवहार के मुद्दों, सिर दर्द, कमजोरी, और अकड़ना के रूप में विभिन्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है। वायरस और इलाज के लिए दवाओं का इस्‍तेमाल दर्द, दाद, रीढ़ की हड्डी की समस्या, चाल संबंधी समस्‍या, निगलने में परेशानी, चिंता, डिप्रेशन, बुखार, दृष्टि खोना और कोमा जैसी समस्‍याएं हो सकती है।

संक्रमण के लिए असंबंधित अन्य तंत्रिका संबंधी जटिलताओं जैसे एड्स डिमेंशिया जटिलता, एचआईवी से जुड़ा डिमेंशिया, सीएनएस लिम्फोमा, न्यूरोपैथीस (तंत्रिका संबंधी विकार), वसुओलर मयेलोपथी (एक रीढ़ की हड्डी की हालत), और विभिन्न मनोवैज्ञानिक विकार भी शमिल है।


अन्य जटिलताएं

  • एचआईवी / एड्स से पीड़ि‍त लोगों को
  • लिम्फोमा, या लिम्फ नोड्स के कैंसर
  • कापोसी सारकोमा रक्त वाहिनियों के कैंसर का एक प्रकार (HHV-8)
  • वेस्टिंगसिंड्रोम, जिसमें व्‍यक्ति का वजन ज्यादातर मांसपेशियों से कम से कम शरीर के वजन से 10 प्रतिशत तक कम हो जाता है। साथ ही दस्‍त कमजोरी, बुखार की समस्‍या बनी रहती है।      
  • किडनी की बीमारी, या एचआईवी जुड़े नेफ्रोपैथी भी शामिल है।

एचआईवी/एड्स के साथ स्वस्थ बने रहने के उपाय

एचआईवी/एड्स की चपेट में आने का मतलब जीवन का अंत नहीं होता है, बल्कि इसकी चपेट में आने के बाद अगर दवाओं का सही तरीके से सेवन किया जाये और अपनी दिनचर्या को सुधारा जाये तो इसकी जटिलताओं को कम किया जा सकता है। एचआईवी/एड्स ग्रस्‍त मरीजों को दवाओं का सही तरीके से सेवन करना चाहिए, सभी सुझावों का पालन करना चाहिए, अधिक एक्‍सपोजर से बचना चाहिए, खानपान पर ध्‍यान देना चाहिए, आदि।



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