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Friday, September 08, 2017

Health Benefits of Basil / Tulsi for Skin - Home Remedies

बरसाती बीमारियों से राहत दिला सकती है  तुलसी

तुलसी का पौधा कई चिकित्सीय गुणों से युक्त है | तुलसी को काली मिर्च के साथ क्वाथ बना कर प्रयोग करने से बुखार  में लाभ मिलता है जोड़ों के दर्द में तुलसी के पतों को अजवाइन के साथ प्रयोग करने से लाभ मिलता है तुलसी का नियमित प्रयोग वातरक्त यानी यूरिक एसिड बढ़े होने की स्थिति में लाभ मिलता है



तुलसी के घरेलु उपचार 

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Tuesday, August 29, 2017

Home Remedies for Tooth Decay and Cavities


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Tooth Decay
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Monday, September 19, 2016

Dark Circle Treatment at Home, Kale Ghere Gharelu Upchar, Black Spot Home Remedies

डार्क सर्कल से निजात दिलाएंगे ये घरेलू नुस्खे


Dark Circle Home Remedies
आंखों के नीचे पड़ने वाले डार्क सर्कल आपकी खूबसूरती बिगाड़ सकते हैं। यह समस्या कई वजहों जैसे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना, नींद न आना, मानसिक तनाव या फिर बहुत ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करने के कारण भी हो सकती है। इन डार्क सर्कल की वजह से आपकी सुंदरता तो कम होती ही है साथ ही व्यक्ति थका हुआ और उम्रदराज भी नजर आता है। आइए जानें डार्क सर्कल को दूर करने के घरेलू नुस्खों के बारे में।  

टमाटर

टमाटर के रस में, नींबू का रस,चुटकीभर बेसन और हल्‍दी मिला लें। इस पेस्‍ट को अपनी आंखों के चारों ओर लगाएं और 20 मिनट के बाद चेहरे को धो लें। ऐसा हफ्ते में 3 बार जरुर करें। इससे डार्क सर्कल धीरे-धीरे कम होने लगेगा।

आलू

यह बहुत ही असरकारी नुस्खा है। रात में सोने से पहले चेहरा को अच्छे से साफ करें। इसके बाद आलू की पतली स्लाइस काटकर उन्हें आंखों पर 20 से 25 मिनट रखें। इसके बाद चेहरा को अच्छे से साफ कर लें।

बादाम तेल

काले घेरे से छुटकारा पाने के लिए बादाम के तेल बहुत फायदेमंद है। बादाम के तेल को आंखों के आस-पास लगाकर कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें। फिर उंगलियों से 10 मिनट तक हल्की मालिश करें। इसके बाद चेहरा साफ कर लें।

चाय का पानी 

चायपत्ती को पानी के साथ उबाल लें और फिर ठंडा होने के लिए रख दें। इसके बाद रुई के फाहे को उसमें भिगोकर आंखों के नीचे और आस-पास लगाएं। थोड़ी देर बाद पानी से चेहरा साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने से चेहरे के काले घेरे तेजी से कम हो जाएंगे।

टी बैग

डार्क सर्कल्स को दूर करने के लिए प्रयोग किए गए ठंडे टी-बैग्स का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। टी-बैग्स में मौजूद तत्व टैनिन आंखों के आसपास की सूजन और  काली त्वचा को पहले जैसे करता है और आपको डार्क सर्कल से निजात मिलता है।

शहद और बादाम का तेल 

बादाम के तेल और शहद को अच्छी तरह मिलाकर सोने के पहले आंखों के आसपास लगाएं और सारी रात लगा रहने दें। सुबह उठकर सामान्य पानी से चेहरा धो लें। हर रोज इस नुस्खे को आजमाने से कुछ ही दिनों में डार्क सर्कल दूर हो जाएगा

पुदीना पत्‍ता

पुदीने की पत्‍तियों को पीस लें और आंखों के आस पास लगा लें। इसे कुछ देर तक इस पेस्ट को ऐसे ही छोड़ दें और फिर आंखों को पानी से धो लें। इससे आपको डार्क सर्कल से निजात पाने में काफी सहायता मिलेगी।

जैतून तेल

जैतून का तेल सौंदर्य से जुड़ी कई समस्याओं में काफी फायदेमंद है। इससे आंखों के आसपास हल्के हाथों से मालिश करें, इससे रक्त संचार ठीक रहता है और आंखों की थकान कम होती है जिससे डार्क सर्कल की समस्या दूर होती है।

संतरे का रस और ग्‍िलसरीन

संतरे का रस विटामिन सी से भरपूर होता है जो कि त्वचा के लिए फायदेमंद माना जाता है। संतरे के रस में ग्लिसरीन की कुछ बूंदे मिलाएं और इस पेस्ट को हर रोज आंखों और आस पास के एरिया पर लगाएं। यह डार्क सर्कल से निजात दिलाने का प्रभावशाली तरीका है।

Sunday, November 15, 2015

Home Remedies for Migraine | How to Get Rid from Migraine

तुलसी तुलसी  के पतों  को  छाया  में  सुखाकर  चूर्ण बना ले ! इसमे से एक  चौथाई चम्मच चूर्ण को सुबह -शाम शहद के साथ चाटने से आधासीसी के दर्द  में आराम  मिलता है !!!


हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां इन सब्‍जियों में मैग्निशियम अधिक होता है। यह रसायन माइग्रेन के दर्द को तुरंत गायब कर देगा। साबुत अनाज, समुंद्री जीव और गेहूं आदि में बहुत मैग्निशियम होता है।

दूध दूध वसा रहित दूध या उससे बने प्रोडक्‍ट्स माइग्रेन को ठीक कर सकते हैं। इसमें विटामिन बी होता है जिसे राइबोफ्लेविन बोलते हैं और यह कोशिका को ऊर्जा देती है। यदि सिर में कोशिका को ऊर्जा नहीं मिलेगी तो माइग्रेन दर्द होना शुरु हो जाएगा।

अलसी अलसी का बीज इसमें भी खूब सारा ओमेगा 3 और फाइबर पाया जाता है। यह बीज सूजन को कम करती हैं।

कॉफी यह बात बिल्‍कुल सही है कि सिर दर्द में कॉफी पीने से वह गायब हो जाता है, तो माइग्रेन अटैक आने पर कॉफी का सेवन जरुर करें।

Friday, November 13, 2015

Yogurt Profitable for Stomach Disease

"दही"  पेट के रोग में लाभदायक 
Curd


दही के नियमित सेवन से आंतो तथा पेट के रोग नही होते तथा आंतो की गर्मी दूर होकर पाचन अच्छी तरह होने लगता है । इसके सेवन से अपच, गैस तथा कब्ज आदि बीमारिया दूर हो जाती है !

Tuesday, November 10, 2015

General Awareness About HIV AIDS in Hindi

एचआईवी/एड्स की समस्‍या कमजोर इम्‍यूनिटी का परिणाम है और यह बीमारी शरीर को अतिसंवेदनशील बना देती है। समय के साथ, वायरस शरीर की सीडी 4 कोशिकाओं पर हमला करता है, यह वायरस स्‍वस्‍थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन मरीज नियमित रूप से कई प्रकार के सक्रिय कदम उठाकर विकासशील आम खतरनाक बीमारियों की संभावना को कम कर सकते हैं।


एचआईवी / एड्स से संबंधित अवसरवादी बीमारियों क्या हैं?

अवसरवादी बीमारियां (OIS) कमजोर इम्‍यूनिटी के कारण होती है। हालांकि इन बीमारियां का एक मजबूत इम्‍यूनिटी वाले प्रणाली पर कोई महत्‍वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन एचआईवी / एड्स के मरीजों के लिए विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। आमतौर पर OIS एचआईवी / एड्स रोगियों में मौजूद सीडी-4 कॉउट का 200 से नीचे जाने की स्थिति को एड्स के रूप में परिभाषित किया जाता है। सामान्‍य तौर पर, एचआईवी रोगी सीडी-4 कॉउट 500 से ऊपर होने पर अवसरवादी बीमारियां नहीं होती है।

एचआईवी संक्रमण से संबंधित जटिलताएं

एचआईवी / एड्स से ग्रस्‍त लोगों में विभिन्‍न प्रकार के वायरस और रोगाणुओं जैसे बैक्टीरिया, कवक, और परजीवी की विस्‍तृत श्रृंखला से संक्रमित होना का जोखिम बहुत ज्‍यादा होता है। सीडीसी के अनुसार, एचआईवी / एड्स से ग्रस्‍त लोगों में सबसे आम अवसरवादी संक्रमण इस प्रकार है।


एचआईवी/एड्स संबंधित जटिलताएं

  • कैंडिडिआसिस, जीनस कैंडिडा में होने वाली यीस्‍ट संक्रमण है, और गंभीर मामलों में ये घेघा, श्वासनली, ब्रांकाई, और फेफड़ों के ऊतकों को प्रभावित कर सकता है।
  • कोक्‍कीडियोडोमाईकासिस कोक्‍कीडियोडस द्वारा होने वाला संक्रमण है, जो कभी-कभी निमोनिया का कारण भी बन सकता है।
  • क्रीप्टोकॉकसिस फंगस क्रीप्टोकॉकस नोफॉर्मन्स से होने वाला संक्रमण है, यह त्‍वचा ह‍ड्डियों और यूरीन मार्ग में फैलने से पहले फेफड़ों (निमोनिया का कारण बन) और ब्रेन
  • (सूजन का कारण), को प्रभावित करता है।
  • क्रिप्टोस्पोरिडियोसिस, प्रोटोजोआ परजीवी क्रिप्टोस्पोरिडियम के कारण होने वाला रोग है। यह संक्रमण और डायरिया रोग का कारण बनता है।  
  • हरपीज सिंप्लेक्स वायरस संक्रमण है, जो ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, और ग्रासनलीशोथ की समस्‍या का कारण बनता है।
  • हिस्टोप्लास्मोसिस, फंगस हिस्‍टोप्‍लाज्‍मा कॅप्सुलटूम से होने वाला लंग इंफेक्‍शन है, जो फ्लू और निमोनिया के लक्षणों की तरह प्रगतिशील हिस्टोप्लास्मोसिस का कारण बनता है, यह बीमारी अन्‍य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है।
  • सेप्टीसीमिया (रक्त संक्रमण) बैक्टीरिया साल्मोनेला से होता है।

मस्तिष्क संबंधी जटिलताएं

वायरस से संबंधित सूजन सीएनएस के रूप में, एचआईवी / एड्स जैसे हाथ पैरों में भ्रम की स्थिति, विस्मृति, व्यवहार के मुद्दों, सिर दर्द, कमजोरी, और अकड़ना के रूप में विभिन्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है। वायरस और इलाज के लिए दवाओं का इस्‍तेमाल दर्द, दाद, रीढ़ की हड्डी की समस्या, चाल संबंधी समस्‍या, निगलने में परेशानी, चिंता, डिप्रेशन, बुखार, दृष्टि खोना और कोमा जैसी समस्‍याएं हो सकती है।

संक्रमण के लिए असंबंधित अन्य तंत्रिका संबंधी जटिलताओं जैसे एड्स डिमेंशिया जटिलता, एचआईवी से जुड़ा डिमेंशिया, सीएनएस लिम्फोमा, न्यूरोपैथीस (तंत्रिका संबंधी विकार), वसुओलर मयेलोपथी (एक रीढ़ की हड्डी की हालत), और विभिन्न मनोवैज्ञानिक विकार भी शमिल है।


अन्य जटिलताएं

  • एचआईवी / एड्स से पीड़ि‍त लोगों को
  • लिम्फोमा, या लिम्फ नोड्स के कैंसर
  • कापोसी सारकोमा रक्त वाहिनियों के कैंसर का एक प्रकार (HHV-8)
  • वेस्टिंगसिंड्रोम, जिसमें व्‍यक्ति का वजन ज्यादातर मांसपेशियों से कम से कम शरीर के वजन से 10 प्रतिशत तक कम हो जाता है। साथ ही दस्‍त कमजोरी, बुखार की समस्‍या बनी रहती है।      
  • किडनी की बीमारी, या एचआईवी जुड़े नेफ्रोपैथी भी शामिल है।

एचआईवी/एड्स के साथ स्वस्थ बने रहने के उपाय

एचआईवी/एड्स की चपेट में आने का मतलब जीवन का अंत नहीं होता है, बल्कि इसकी चपेट में आने के बाद अगर दवाओं का सही तरीके से सेवन किया जाये और अपनी दिनचर्या को सुधारा जाये तो इसकी जटिलताओं को कम किया जा सकता है। एचआईवी/एड्स ग्रस्‍त मरीजों को दवाओं का सही तरीके से सेवन करना चाहिए, सभी सुझावों का पालन करना चाहिए, अधिक एक्‍सपोजर से बचना चाहिए, खानपान पर ध्‍यान देना चाहिए, आदि।



Monday, November 09, 2015

Home Remedies for Kidney Stones | Natural Treatment for Kidney Stones

गुर्दे की पथरी एक आम बीमारी है जो अक्सर गलत खान पान की वजह से होती है। जरुरत से कम पानी पीने से भी गुर्दे की पथरी का निर्माण होता है।

लक्षण

पेशाब में जलन, मूत्र विसर्जन के समय अक्सर पीड़ा का एहसास होना , चक्कर आना, भूख मिटना, पेशाब में बदबू, पेशाब में खून  के अंश का पाया जाना इत्यादि गुर्दे की पथरी होने के कुछ आम लक्षण हैं। जिन महिलाएं को मासिक धर्म के दौरान पेट (उदर)  के निचले भाग में अक्सर दर्द की शिकायत रहती हो उन्हें भी अपनी डाक्टरी जांच अवश्य करवानी चाहिए क्योंकि यह भी गुर्दे की पथरी होने का संकेत हो सकता है।
गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए अक्सर लोग कोई ऐसा समाधान चाहते हैं जिसका कोई कुप्रभाव न हो। ऐसा ही एक उपाय है प्राकृतिक उपाय जो गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत ही कारगर साबित होता है साथ हीं साथ शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता।

अंगूर का सेवन करें

अंगूर गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में उत्कृष्ट रूप से कार्य करता है क्योंकि इसमें पोटेशियम नमक और पानी भरपूर मात्रा में होते हैं। अंगूर में एलब्यूमिन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में होता है, इस कारण अंगूर को पथरी के उपचार के लिए फायदेमंद माना जाता है।

विटामिन बी 6 का सेवन

विटामिन बी 6 गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत ही प्रभावकारी साबित होता है। यदि विटामिन बी 6 का सेवन विटामिन बी ग्रूप के अन्य विटामिन के साथ किया जाए, तो गुर्दे की पथरी में कमी आती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि विटामिन बी की 100 से 150 मिलीग्राम की दैनिक खुराक गुर्दे की पथरी की चिकित्सीय उपचार में फायदेमंद हो सकती है। यह विटामिन मष्तिष्क संबंधी विकारों को भी दूर करता है। तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है इसलिए तुलसी के पत्तों को प्रतिदिन चबाया करें।

प्याज खाएं

गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए प्याज में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। पके हुए प्याज का रस पीने से गुर्दे की पथरी में राहत मिलती है। आप दो मध्यम आकर के प्याज लेकर उन्हें अच्छी तरह से छील लें। अब एक बर्तन में एक गिलास पानी डालकर दोनों प्याज को मध्यम आंच पर पका लें। जब वे अच्छी तरह से पक जाए तो उन्हें ठंडा होने दें। अब इन्हें ग्राइंडर में डालकर अच्छे ग्राइंड कर लें। अब इस रस को छान लें और इसका तीन दिन तक सेवन करें। इसके सेवन से आपको बहुत जल्दी फायदा मिलेगा।

केला

जिस व्यक्ति को पथरी की समस्या हो उसे खूब केला खाना चाहिए क्योंकि केला विटामिन बी-6 का प्रमुख स्रोत है, जो ऑक्जेलेट क्रिस्टल को बनने से रोकता है व ऑक्जेलिक अम्ल को विखंडित कर देता है। इसके आलावा नारियल पानी का सेवन करें क्योंकि यह प्राकृतिक पोटेशियम युक्त होता है, जो पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकता है और इसमें पथरी घुलती है।

करेला

कहने को करेला बहुत कड़वा होता है पर पथरी में यह भी रामबाण साबित होता है। करेले में पथरी न बनने वाले तत्व मैग्नीशियम तथा फॉस्फोरस होते हैं और वह गठिया तथा मधुमेह रोगनाशक है।

चौलाई का साग

पथरी को गलाने के लिये अध उबला चौलाई का साग दिन में थोडी थोडी मात्रा में खाना हितकर होता है, इसके साथ आधा किलो बथुए का साग तीन गिलास पानी में उबाल कर कपडे से छान लें, और बथुये को उसी पानी में अच्छी तरह से निचोड कर जरा सी काली मिर्च जीरा और हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर इसे दिन में चार बार पीना चाहिये, इस प्रकार से गुर्दे के किसी भी प्रकार के दोष और पथरी दोनो के लिए साग बहुत उत्तम माने गये है।

Text Source : http://www.onlymyhealth.com/homeremedies-kidney-stones-in-hindi-1315823119

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